सबसे पहले तो आप सभी को पूरी सेहत के साथ हमेशा स्वस्थ रहने की दुआओं के साथ योग अंतराष्ट्रीय दिवस 2020 की बहुत बहुत शुभकमनाएं | स्व...
सबसे पहले तो आप सभी को पूरी सेहत के साथ हमेशा स्वस्थ रहने की दुआओं के साथ योग अंतराष्ट्रीय दिवस 2020 की बहुत बहुत शुभकमनाएं |
स्वस्थ शरीर, मन और आत्मा योग से ही संभव है
अंतराष्टीय योग दिवस हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रस्ताव पे हर वर्ष 21 जून को 2015 से हमारे देश में मनाया जाता है लेकिन इस योग की अहमियात सदियों से लोग जानते हैं और इसे अपने जीवन का अंग बनाते हुए अपने शरीर मन और समाज को स्वस्थ रखा करते हैं |यह देखकर ख़ुशी महसूस होती है कि हमारी प्राचीन सभ्यता और जीवन का हिस्सा रहा योग आज विश्व शांति और कल्याण में अहम भूमिका निभा रहा है। योग का इतिहास दस हज़ार वर्ष पुराना है और वेदों और पुराणों में तो योग और आसनों पर विस्तार से बात हुई है |
योग केवल कुछ आसनो का नाम नहीं बल्कि योग इंसान को अनुशासित रहना सिखाता है ऋषि, मुनि हमेशा से शरीर, मन और आत्मा को अनुशासित रखने के लिए योग का सहारा लेते रहे हैं | इसी प्रकार इस्लाम में भी योगा की बहुत अहमियत है क्यों की इस्लाम का असल मकसद इंसान को मुकम्मल इंसान बनाना है। इसलिए शरीयत-ए-इस्लाम में हर उस चीज की मनाही है, जो इंसान को इंसान से दूर करे। हर उस चीज पर पाबंदी है, जो स्वास्थ्य से दूर करे, और योग न सिर्फ लोगों को जोड़ता है, बल्कि उन्हें सेहत की सौगात भी देता है।
रोज़ा और नमाज़ मुसलमानो की अहम् इबादत है और नतीजे में यह दोनों योग की तरह ही शरीर, मन और आत्मा को अनुशासित और स्वस्थ रखती हैं | नमाज से योग की तरह ही शरीर और मन तरोताजा होता है और खोई शक्ति वापस प्राप्त होती है।जिंदगी में यदि कोई व्यक्ति पाबंदी के साथ नमाज अदा करता है, तो कई प्रकार की बीमारी से दूर रहेगा।इसी प्रकार से बौद्ध और जैन धर्म ने भी योग को अपनाया |
इन सभी उदाहरणों से यह बात अवश्य समझ में आती है की योग को धर्म से जोड़ के नहीं देखा जा सकता और ना ही यह बहस का विषय बन सकता है की योग किसी धर्म में मना है या नहीं | दुनिया का हर धर्म इंसान के मन शरीर और आत्मा को स्वस्थ रखने पे ज़ोर देता है और योगा उसी का आसान जरिया है |
आज दुनिया कोरोना जैसी महामारी का शिकार हो रही है और हर समय घरों में घुस के नहीं बैठा जा सकता ऐसे में डॉक्टर सलाह देते हैं की हर इंसान को अपने शरीर की प्रतिरोधक छमता को बढ़ाना होगा और सहरीर प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करने का योगा से आसान कोई तरीक़ा नहीं |योग इंसान को डिप्रेशन से बाहर निकालता है श्वास को मज़बूत करता है मानसिक शक्तियों को बढ़ाते हुए शरीर को स्वस्थ रखता है और ऐसे स्वस्थ शरीर में कोरोना जैसे वायरस को निकाल फेंकने की क्षमता पायी जाती है |
अंत में एक बार उन सभी योगा गुरुओं को बधाई और शुभकामनाएं जो लोगों को योग के प्रति जागरूक करते हुए उन्हें कोरोना से लड़ने और बचने की ट्रेनिंग दे रहे है |
योग करें स्वस्थ रहे खुश रहे कोरोना मुक्त रहे | .......एस एम् मासूम
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