जब आप की समाज में इज़्ज़त होने लगेगी, आप लोगों के काम आएंगे , कामयाबी आपके क़दम चूमने लगे तो अचानक आपको महसूस होगा की आपके चाहने वालों से अलग...
जब आप की समाज में इज़्ज़त होने लगेगी, आप लोगों के काम आएंगे , कामयाबी आपके क़दम चूमने लगे तो अचानक आपको महसूस होगा की आपके चाहने वालों से अलग एक ऐसा तब्क़ा आपके खिलाफ बोलने लगा है जहां जहालत का बोलबाला है | आप ताज्जुब करेंगे की इन्हे तो आप जानते भी नहीं पहचानते भी नहीं , इनका आपने कोई नुकसान भी नहीं किया फिर भी यह क्यों आपके खिलाफ बोल रहे हैं अफवाहें फैला रहे है ?ताज्जुब ना करें क्यों की बेशक आप उन्हें नहीं जानते लेकिन यह भी सच है की जो बदकार है ,बदनाम हैं उनका आपकी नेकियों ने शोहरत और कामयाबी ने नुकसान किया है |
क्यूंकि
यह समाज के वो लोग हैं जिन्हे इनके इल्म से दूरी की वजह से कोई कामयाबी नहीं मिली , इज़्ज़त की भूख इन्हे भी थी लेकिन वो आपको मिल गयी और यह ज़माने का उसूल भी है और कुदरती एहसास भी है की जिसके पास दौलत नहीं उसके दिल में दौलतमंद से हसद पैदा होती है जिसके पास अच्छा घराना नहीं उसके दिल में ऊंचे घराने वालों से हसद पैदा होती है ,जिसके पास सदाक़त नहीं उसके दिल में सच्चों से हसद पैदा होती है ,जिसके पास घर नहीं उसके दिल में बड़े घर वालों से हसद पैदा होती है जिसके पास इल्म नहीं उसके दिल में आलिम से हसद पैदा हो जाती है वगैरह वगैरह
उनमे से जो इल्म रखते हैं वो अपनी इस कुदरती तौर पे पैदा हुयी हसद को दबा देते हैं और अपनी सलाहियतों में इज़ाफ़ा करते हुए सामने वाले से आगे निकल जाते हैं |
और
इनमे से जो जाहिल होते हैं या हराम ग़िज़ा जिनके शिकम में होती है वे सामने वाले की तौहीन करने की कोशिश करके अपने दिल में उठ रही हसद की आग को ठंडा करते नज़र आते हैं और नतीजे में कभी तरक़्क़ी नहीं कर पाते और ऐसे लोग एक दिन बदनामी और गुमनामी के अँधेरे में वक़्त के साथ खो जाते हैं |
इन जाहिलों की पहचान भी यही होती है की यह आपकी फ़ज़ीलतों की मिसाल दे दे के उसके खिलाफ बोलते हुए उसे घटाने की कोशिश किया करते हैं |
ऐसे लोग हमेशा से रहे हैं दुनिया में जिसकी मिसाल हज़रत अली (अ ) के दौर में मिलती है की जब अली जैसा नमाज़ी ना मिला तो उनसे हसद रखने वालों ने उन्हें बेनमाजी मशहूर कर दिया लेकिन नतीजा क्या हुआ ज़लील वे हुए जिनके दिलों में हसद थी और अली का रुतबा बढ़ता गया |
इनमे से एक तब्क़ा ऐसा भी होगा जो आप ही की बातों से सीखेगा , आपके तरीके को अपनाएगा या कह लें चुरायगा और इस खौफ से की कहीं लोग इस बात को भांप ना जाएं वो आपकोही गिराने की कोशश करेगा | इन्हे भी नज़रअंदाज़ करने की ज़रुरत होती है
इसलिए कामयाबी मिल गयी है आपको आपकी सलाहियतों की वजह से तो जाहिलों से दूर रहे उनकी बातों को नज़र अन्दाज़ कर दें वरना वे आप का सारा वक़्त बर्बाद कर देंगे और आप जो नेकियाँ समाज में करना चाह रहे हैं वो भी नहीं कर सकेंगे |
शायद समाज की ईर्ष्या के कारण पैदा किये गए ऐसे हालात हर कामयाब व्यक्ति को समाज से अलग गिने चुने कामयाब लोगों के बीच जीवन गुजरने पे मजबूर कर देते है |
लेकिन यह याद रहे सलाहियतें और इल्म एक दिन खुद को मनवा लेते हैं और एक वक्त ऐसा ज़रूर आता है जब आपको बदनाम करने वालों को ऐसा लगने लगता है की समाज उनकी ही हंसी उड़ा रहा है |
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