अमन का पैगाम २०१० का एक बहुचर्चित ब्लॉग रहा है | २०१० में जब इस्मत जैदी के मशविरे पे मैंने अंग्रेजी ब्लॉगजगत से हिंदी ब्लॉग जगत में क़दम र...
अमन का पैगाम २०१० का एक बहुचर्चित ब्लॉग रहा है | २०१० में जब इस्मत जैदी के मशविरे पे मैंने अंग्रेजी ब्लॉगजगत से हिंदी ब्लॉग जगत में क़दम रखा तो एक बड़ा सवाल पैदा हुआ की इसको शुरू करने की अपने ब्लॉग का क्या नाम रखा जाय क्यूँ की यह तो तय था की मैं जो भी लिखूंगा वो सामाजिक सरोकारों से जुड़ के ही लिखूंगा |
२०१०-१० हिंदी ब्लॉगजगत का एक ऐसा साल रहा है जब ब्लॉगजगत में बड़ा जोश था और एक से एक धुरंधर लेखक यहाँ अपनी बात कहा और सुना करते थे लेकिन उसी के साथ साथ हिंदी ब्लॉगजगत में एक धर्मयुद्ध भी छिड़ा हुआ था | ऐसे में यह फैसला लिया गया की मैं अपने ब्लॉग का नाम "अमन का पैगाम" रखूँगा और शुरू हो गया अमन का पैगाम और उसी के साथ साथ शुरू हुयी एक मुहीम सभी ब्लॉगर को एक साथ जोड़ते हुए उनके द्वारा विश्व को अमन का पैगाम देने की |
मैं खुद को भाग्य शाली मानता हूँ की मुझे हिंदी ब्लॉगजगत का पूरा सहयोग मिला और मैं अपने इस ब्लॉग से ६३ से अधिक ब्लॉगर में शांति संदेशों को प्रकाशित कर सका और केवल इतना ही नहीं धीरे धीरे हिंदी ब्लॉगजगत से धर्म के नाम पे जो दिलों का बंटवारा हो रहा था वो ख़त्म हुआ |
मैं उन सभी का आभारी हूँ जिन्होंने मुझे सहयोग दिया प्यार दिया और अमन शांति का सन्देश इस ब्लॉग के द्वारा लोगों को दिया |
"अमन का पैगाम " ब्लॉग को बंद करने का कोई ख़ास कारण नहीं बल्कि समय का कम होना और मेरा अधिक ध्यान अपने वतन जौनपुर में ज़मीनी स्तर पे सामाजिक सरोकारों से जुड़ के काम करना है | लेकिन इसी के साथ साथ हिंदी ब्लॉगजगत का सोशल मीडिया ,फेसबुक इत्यादि में बढती रूचि को देखते हुए ऐसा महसूस होने लगा की अब इस ब्लॉग की आवश्यकता नहीं रह जाती |
"अमन का पैगाम " ब्लॉग का केवल नाम बदला है और ब्लॉगजगत के लेखको द्वारा भेजे गए लेखों को प्रकाशित करने के सिलसिले का अंत कर रहा हूँ लेकिन ब्लॉगजगत में मौजूद रहते हुए सामाजिक सरोकारों से जुड़ते हुए मेरे लेख आप सभी तक अवश्य पहुँचते रहेंगे |
बहुत जल्द जौनपुर में एक विश्व स्तर की ब्लॉगर मीट की जायगी और उसमे सभी ब्लॉगर को जौनपुर आने का न्योता दिया जायगा |
अब इस नए ब्लॉग का नाम होगा http://www.smmasoom.com और आप सभी से अनुरोध है की आते जाते और पढ़ते लिखते रहे |
इसकी डिजाईन को लोड होने में थोडा समय लगेगा लेकिन जिन्हें प्रेम है मुझसे और मुझे पढना पसंद करते हैं वो अवश्य आयेंगे और महसूस करेंगे की सब्र का फल मीठा होता है |
२०१०-१० हिंदी ब्लॉगजगत का एक ऐसा साल रहा है जब ब्लॉगजगत में बड़ा जोश था और एक से एक धुरंधर लेखक यहाँ अपनी बात कहा और सुना करते थे लेकिन उसी के साथ साथ हिंदी ब्लॉगजगत में एक धर्मयुद्ध भी छिड़ा हुआ था | ऐसे में यह फैसला लिया गया की मैं अपने ब्लॉग का नाम "अमन का पैगाम" रखूँगा और शुरू हो गया अमन का पैगाम और उसी के साथ साथ शुरू हुयी एक मुहीम सभी ब्लॉगर को एक साथ जोड़ते हुए उनके द्वारा विश्व को अमन का पैगाम देने की |
मैं उन सभी का आभारी हूँ जिन्होंने मुझे सहयोग दिया प्यार दिया और अमन शांति का सन्देश इस ब्लॉग के द्वारा लोगों को दिया |
"अमन का पैगाम " ब्लॉग को बंद करने का कोई ख़ास कारण नहीं बल्कि समय का कम होना और मेरा अधिक ध्यान अपने वतन जौनपुर में ज़मीनी स्तर पे सामाजिक सरोकारों से जुड़ के काम करना है | लेकिन इसी के साथ साथ हिंदी ब्लॉगजगत का सोशल मीडिया ,फेसबुक इत्यादि में बढती रूचि को देखते हुए ऐसा महसूस होने लगा की अब इस ब्लॉग की आवश्यकता नहीं रह जाती |
"अमन का पैगाम " ब्लॉग का केवल नाम बदला है और ब्लॉगजगत के लेखको द्वारा भेजे गए लेखों को प्रकाशित करने के सिलसिले का अंत कर रहा हूँ लेकिन ब्लॉगजगत में मौजूद रहते हुए सामाजिक सरोकारों से जुड़ते हुए मेरे लेख आप सभी तक अवश्य पहुँचते रहेंगे |
बहुत जल्द जौनपुर में एक विश्व स्तर की ब्लॉगर मीट की जायगी और उसमे सभी ब्लॉगर को जौनपुर आने का न्योता दिया जायगा |
अब इस नए ब्लॉग का नाम होगा http://www.smmasoom.com और आप सभी से अनुरोध है की आते जाते और पढ़ते लिखते रहे |
इसकी डिजाईन को लोड होने में थोडा समय लगेगा लेकिन जिन्हें प्रेम है मुझसे और मुझे पढना पसंद करते हैं वो अवश्य आयेंगे और महसूस करेंगे की सब्र का फल मीठा होता है |
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