ख़बरों की मानें तो जब 15 अगस्त के दिन पूरा हिन्दुस्तान आजादी दिवस मना रहा था आसाराम बापू जी धर्म के नाम पे खुद को मिली आजादी का जश्न ...
ख़बरों की मानें तो जब 15 अगस्त के दिन पूरा हिन्दुस्तान आजादी दिवस मना रहा था आसाराम बापू जी धर्म के नाम पे खुद को मिली आजादी का जश्न एक नाबालिग़ लड़की के साथ बेशर्मी कर के मना रहे थे | और तो और उस लड़की की माँ का इन आसाराम पे इतना अन्धविश्वास था की उसी कमरे के दरवाज़े पे बैठी बाबा के कहे अनुसार तंत्र-मंत्र अनुष्ठान में जप के लिए बाहर बैठी थीं। 15 अगस्त को आश्रम में तांत्रिक अनुष्ठान के आयोजन से पहले आसाराम ने लड़की के माता-पिता से बात की थी। आसाराम ने पीड़िता के माता-पिता से कॉटेज के बाहर गेट के बगल में बैठकर ध्यान लगाने के बाद जाने को कहा था।
ऐसी अंधविश्वास की खबरें कोई नयी नहीं लेकिन ताज्जुब तब होता है की गाव देहात के कम पढ़े लिखे लोग केवल इनके चक्कर में नहीं आते बल्कि पढ़े लिखे लोग भी इनके चक्कर में आसानी से आ जाते हैं | शायद इसी तरह के अंधविश्वास के कारण लोग गुमराह होते हैं और जन्नत के शौक में जिहादी और आतंकवादी बन जाते हैं जबकि असल में वो इस्लाम के खिलाफ जा के जहन्नम खरीद रहे होते हैं | यह धर्म के नाम पे बाबाओं को मुल्लाओं को कुछ भी करने की आजादी उनपे हमारा अंधविश्वास ही देता है | क्या बाबा आसाराम के साथ साथ हम दोषी नहीं है ? आसाराम का क्या होगा यह तो अब कानून के हवाले है लेकिन हम जो हर दिन धर्म के नाम पे ढोंगियों पे अन्धविश्वास करते रहते हैं इस् पर कौन सा कानून रोक लगाएगा ?
हमारे धर्म के नाम पे अंधविश्वास के चलते ढोंगी दो काम अधिक करते हैं एक धन का जमा करना और दुसरे महिलाओं का शोषण | विश्वास और अंधविश्वास में अंतर हुआ करता है और धार्मिक लोगों पे विश्वास करो लेकिन अन्धविश्वास से बचो | क्या कोई माता पिता किसी भी मर्द के साथ अपनी नाबालिग जवान बेटी को डेढ़ घंटा किसी कमरे में बंद रहने की इजाज़त दे सकते हैं ? नहीं देंगे क्यूँ की वो जानते हैं यह उनके धर्मानुसार गलत है, समाज में भी अच्छा नहीं समझा जाता और लड़की के लिए भी ठीक नहीं |सोंचने की बात है कि वो काम धर्म के नाम पे करने के लिए जब कोई बाबा कहता है जो जिसकी धर्म में भी मनाही है तो आपके कान खड़े क्यूँ नहीं हो जाते ?
जिस दिन यह हम लोग धर्म के नाम पे अंधविश्वास की जगह खुद धर्म का ज्ञान हासिल करते हुए अपना जीवन व्यतीत करने लगेंगे उस दिन न कोई ढोंगी बाबा , न कोई मुल्ला धर्म के नाम पे हमारी मेहनत की कमाई पे डाका दाल सकेगा और ना ही बहु बेटियों का शोषण कर सकेगा |