बलात्कार हमारे समाज के लिए नासूर बनता जा रहा है और शायद यह किसी प्रकार के सामाजिक असंतुलन के कारण हो रहा है | दामिनी , निर्भया जैसे ह...
बलात्कार हमारे समाज के लिए नासूर बनता जा रहा है और शायद यह किसी प्रकार के सामाजिक असंतुलन के कारण हो रहा है | दामिनी , निर्भया जैसे हज़ारों मामले हर दिन प्रकाश में आते हैं यहाँ तक की पति पिता और भाई द्वारा बलात्कार की खबरें भी आती रहती हैं | चलिए इस विषय पे तो बातें बहुत हुई हैं और आगे भी होती रहेंगे जब तक इस समस्या का कोई हल तलाश नहीं लिया जाता | लेकिन एक बात बार बार सामने आ रही है की जब कोई लड़की अपने बॉय फ्रेंड के साथ कहीं अकेले में मिल जाती है तो दरिन्दे उसका शिकार अधिक करते हैं | आखिर इसका क्या कारण हो सकता है इस विषय पे भी विचार विमर्श होना चाहिए |
आज ख़बरों में सुना की दिल्ली गैंगरेप का जजमेंट आने से पहली शाम 9 सितंबर को वेस्ट दिल्ली के हरि नगर इलाके के पार्क में चाकू दिखाकर और जान से मारने की धमकी देकर पब्लिक स्कूल की छात्रा से रेप की वारदात की गई। वेस्ट दिल्ली में रहने वाले बिजनसमैन की 15 साल की बेटी अपने 15 साल के दोस्त के साथ हरि नगर थाना इलाके के पार्क में बैठी हुई थी। पार्क में अंधेरा हो चुका था। किसी जवान लड़के ने ऐसे में लड़की के दोस्त को पास के किसी हट में बंद करके लड़की का बलात्कार किया | यह खबर सुनते ही मुझे दिल्ली की वो मनहूस रात याद आ गयी जब दामिनी का बलात्कार उसके बॉय फ्रेंड की मौजूदगी में रात के अँधेरे में हुआ था |
सवाल मन में उठा यह बॉय फ्रेंड के साथ रहने वाली लड़कियों को ही दरिन्दे निशाना क्यूँ बनाते हैं ? मुझे तो लगता है की कुछ लोगों की यह मानसिकता की जो लड़की शादी के पहले बॉय फ्रेंड के साथ घूमे वो चालू जिसे ( ईजी गोइंग ) है और दरिन्दे इसको अपना अधिकार समझते हैं की बॉय फ्रेंड के साथ बैठी है तो हमारे साथ क्यूँ नहीं ? दरिंदो की बात में दम नहीं फिर भी सत्य यदि यही है तो इस मानसिकता को बदलना होगा लेकिन बड़ा सवाल है कैसे ?
और जब तक लोगों की मानसिकता नहीं बदलती तब तक क्या किया जाये ? क्या बलात्कार होने दिया जाये ? पोलिस तो हर जोड़े के साथ घुमने से रही और सजा का डर शायद इन दरिंदो को रोकने के लिए काफी नहीं ? क्या आप में से किसी के पास इस समस्या का कोई हल है क्या ?