आप इस समाज के बहुत ही महत्वपूर्ण इंसान तो हों सकते हैं लेकिन यदि आप सच में एक अच्छे इंसान नहीं हैं तो आप का महत्वपूर्ण होना कोई मायने नहीं...
आप इस समाज के बहुत ही महत्वपूर्ण इंसान तो हों सकते हैं लेकिन यदि आप सच में एक अच्छे इंसान नहीं हैं तो आप का महत्वपूर्ण होना कोई मायने नहीं रखता क्योंकि जल्द ही ऐसे लोगों कि पहचान समाज कर लिया करता है |
हम जिस समाज में रह रहे हैं वहाँ हमें दो प्रकार के लोग देखने को मिला करते हैं | एक तो वो लोग जो चेहरे पे कृत्रिम मुस्कान लिए आपके आस पास दिखाई देते हैं | सामने से तो यह मृदु और शालीन नज़र आते हैं लेकिन उनके मन में कटुता और स्वार्थ भरा होता है | यह मुस्कराहट कृतिम हुआ करती है | आज के युग में ऐसे इंसानों कि अधिकता है | हकीकत में ये लोग अपने अवगुणों को अपने कृत्रिम व्यवहार से छिपाने का प्रयास करते हैं और दुनिया को धोका दे के महत्वपूर्ण बनने कि कोशिश करते हैं | यदि थोड़ी गहनता से उन्हें परखा जाये तो उनके अन्तर्हित अवगुणों की वास्तविकता प्रकाश में आ ही जाती है| लेकिन ऐसा कम ही हों पाता है क्योंकि लोग ऐसे लोगों कि कृत्रिम मुस्कान के धोके में आ जाया करते हैं और उनकी दिखावटी शालीनता को सच मान लिया करते हैं |
इनके धोके में लोग आसानी से इस कारण आ जाते हैं क्योंकि यह समाज में खुद की बडाई ,तारीफ खुद ही करते नज़र आते हैं | यह खुद को ऐसा पेश करते हैं जैसे इस समाज में इनसे बड़ा दयालु कोई नहीं और उसके लिए तरह तरह कि झूटी सच्ची कहानिया बयान किया करते हैं | बाहरी चमक दमक अधिकतर लोगों को धोके में डाल दिया करती है और इस सच को कृत्रिम मुस्कान वाले जानते हैं |
कुछ लोगों के व्यवहार में कृत्रिमता नहीं होती है वाह्य व आतंरिक रूप से सामान ही होते हैं लेकिन यहाँ न तो दिखावा होता है, न झूटी शान कि कहानियां और नतीजा यह होता है कि इनकी आतंरिक सुंदरता को लोग पहचान नहीं पाते | हकीकत में इस समाज के सबसे महत्वपूर्ण लोग यही लोग हैं जो वाह्य व आतंरिक रूप से सामान हुआ करते हैं |
कृत्रिम व्यवहार आपको अधिक दिनों तक महत्वपूर्ण इंसान नहीं बना सकता और आपके वो रिश्ते जो कृतिम व्यवहार और दिखावे के ज़रिये बनाये गए हैं ,जल्द ही टूट जाते हैं और एक दिन आप अकेले पन का शिकार होने लगते हैं |
यदि आप लोगों को प्रभावित करना चाहते हैं , लोगों से ऐसे मधुर सम्बन्ध बनाना चाहते हैं जो दीर्घकालीन हों तो यह केवल कृत्रिम व्यवहार और झूटी शान से दूर रह के ही संभव है |
अच्छे इंसान बनने का दिखावा न करें बल्कि सच में अच्छे इंसान बनें तक कहीं जा के आप जीवन पे कामयाब होंगे और सतुष्ट भी रहेंगे | यही दीर्घकालीन सफलता का राज़ है |
इसी लिए कहा है कि महत्त्वपूर्ण होना अच्छा है , किन्तु अच्छा होना उससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण है |’