लोगों से अपनी सच्ची तारीफ सुनना अच्छे लोगों को नायकत्व की तरफ बढ़ने की प्रेरणा देती है और बुरे लोगों को उनकी झूटी तारीफ उन्हें और अधिक ब...
लोगों से अपनी सच्ची तारीफ सुनना अच्छे लोगों को नायकत्व की तरफ बढ़ने की प्रेरणा देती है और बुरे लोगों को उनकी झूटी तारीफ उन्हें और अधिक बुराई की तरफ ले जाती है. इसे इस तरह से भी समझ लें की यदि कोई व्यक्ति सच मैं अच्छा है और आप उसकी सच्ची तारीफ कर रहे हैं तो यह तारीफ उस व्यक्ति को नायकत्व की तरफ बढ़ने की प्रेरणा देती है. लेकिन यदि कोई इंसान ज़ालिम है, बुरा है बदकिरदार हैं और आप उसको खुश करने के लिए उसकी झूटी तारीफ कर रहे हैं तो यह तारीफ उस व्यक्ति को और भी बड़ा ज़ालिम और दुराचारी बना देती है.
अक्सर देखने मैं यही आता है की इस समाज मैं इमानदार, अच्छे किरदार वाले या गरीब और कमज़ोर की तारीफ करने वाले कम ही मिला करते हैं और ताक़तवर ,पैसे वालों की, जालिमों की झूटी तारीफ डर से या जाती फाएदे के लिए करने वाले बहुत मिला करते हैं. हमारा यह मिजाज़ ही समाज मैं एक असंतुलन पैदा करता है. ऐसा बुरा इंसान जिसकी झूटी तारीफ की जा रही हो अक्सर खुद को अपनी नज़र मैं अच्छा समझने लगता है जिस से उसके कभी सुधरने की आशा भी ख़त्म हो जाया करती है.
यही कारण है की आज हमारे समाज मैं अधिकतर गरीब या इमानदार कमज़ोर हो के गुमनामी की ज़िंदगी बसर करने पे मजबूर है और ज़ालिम, पैसेवाला, समाज को चला रहा है और नायक बन बैठा है.
हम भ्रष्टाचार की बातें बहुत करते हैं उसके खिलाफ आवाज़ भी उठाते है लेकिन यह भूल जाते हैं यह समाज हमने स्वम ही बनाया है और यदि हम अपनी ग़लती सुधार लें तो यह भ्रष्टाचार खुद ब खुद कम हो जाएगा.
इसलिए ध्यान रहे ब्लॉगजगत हो , आप का समाज हो , या किसी को नेता का चुनाव ,कभी ताक़तवर, ज़ालिम, काला धन कमाने वाले या ग़लत तरीके से शोहरत हासिल करने वाले की ना तो झूटी तारीफ करें और ना ही उसका साथ दें .उसको अवश्य सराहें जिसका किरदार अच्छा हो, इमानदार हो, तभी आप इस समाज मैं अमन और शांति काएम करने मैं अपना सहयोग दे सकेंगे.
वैसे भी झूटी तारीफ करने वाला आप से कुछ लेने के लिए ही ऐसा करता है और काम निकलते ही आप से दूर हो जाएगा. इसलिए ना तो झूटी तारीफ सुन के खुद का नुकसान करें और ना ही भ्रष्ट इंसान की झूटी तारीफ कर के उसको और भ्रष्ट बनाएं.
अक्सर देखने मैं यही आता है की इस समाज मैं इमानदार, अच्छे किरदार वाले या गरीब और कमज़ोर की तारीफ करने वाले कम ही मिला करते हैं और ताक़तवर ,पैसे वालों की, जालिमों की झूटी तारीफ डर से या जाती फाएदे के लिए करने वाले बहुत मिला करते हैं. हमारा यह मिजाज़ ही समाज मैं एक असंतुलन पैदा करता है. ऐसा बुरा इंसान जिसकी झूटी तारीफ की जा रही हो अक्सर खुद को अपनी नज़र मैं अच्छा समझने लगता है जिस से उसके कभी सुधरने की आशा भी ख़त्म हो जाया करती है.
यही कारण है की आज हमारे समाज मैं अधिकतर गरीब या इमानदार कमज़ोर हो के गुमनामी की ज़िंदगी बसर करने पे मजबूर है और ज़ालिम, पैसेवाला, समाज को चला रहा है और नायक बन बैठा है.
हम भ्रष्टाचार की बातें बहुत करते हैं उसके खिलाफ आवाज़ भी उठाते है लेकिन यह भूल जाते हैं यह समाज हमने स्वम ही बनाया है और यदि हम अपनी ग़लती सुधार लें तो यह भ्रष्टाचार खुद ब खुद कम हो जाएगा.
इसलिए ध्यान रहे ब्लॉगजगत हो , आप का समाज हो , या किसी को नेता का चुनाव ,कभी ताक़तवर, ज़ालिम, काला धन कमाने वाले या ग़लत तरीके से शोहरत हासिल करने वाले की ना तो झूटी तारीफ करें और ना ही उसका साथ दें .उसको अवश्य सराहें जिसका किरदार अच्छा हो, इमानदार हो, तभी आप इस समाज मैं अमन और शांति काएम करने मैं अपना सहयोग दे सकेंगे.
वैसे भी झूटी तारीफ करने वाला आप से कुछ लेने के लिए ही ऐसा करता है और काम निकलते ही आप से दूर हो जाएगा. इसलिए ना तो झूटी तारीफ सुन के खुद का नुकसान करें और ना ही भ्रष्ट इंसान की झूटी तारीफ कर के उसको और भ्रष्ट बनाएं.