आज पेश ए खिदमत हैं अमन के पैग़ाम कि छ्तीस्वीं पेशकश लता 'हया' एक साधारण भारतीय नारी जो अदब में औरत की असाधारण मौजूदगी और इंसानियत...
मंदिर जले तो रंज मुसलमान को भी हो
पामाल होने पाए न मस्जिद की आबरू
ये फ़िक्र मंदिरों के निगेहबान को भी हो"
पामाल होने पाए न मस्जिद की आबरू
ये फ़िक्र मंदिरों के निगेहबान को भी हो"
ईद आयी तो लता जी ने कहा
मुख्तलिफ़ क़ौमों के त्यौहार जुदा हैं लेकिन
एक पैग़ाम है,अवतार जुदा हैं लेकिन
मेरी होली के तेरी ईद या दीवाली हो
पर्व कहते हैं के हर धर्म की रखवाली हो
कुंदज़ेहनो का तो बस एक ही मज़हब – नफ़रत
इन रिवायात का बस एक ही मतलब –नफ़रत
नफरतें दिल में जो फट जाती हैं इक बम बन कर
ईद आ जाती है उन ज़ख्मों का मरहम बनकर
आज इस यौमे - मुहब्बत की क़सम है हमको
अपने रोज़ों की,इबादत की क़सम है हमको
हम ना आयेंगे फरेबों में सियासतदां के
धर्म के नाम पे जो मुल्क को,दिल को बांटे
……लता 'हया'
स्वतंत्रता दिवस पे लता जी का अंदाज़ देखिये
कुर्सी का नेता क्या बनना,दिल पर राज करो तो जाने
किया शहीदों ने जो कल था,वो ही आज करो तो जाने
किया शहीदों ने जो कल था,वो ही आज करो तो जाने
ज़ात-पात भाषा का झगड़ा,ये तो कोई काम नहीं है
माणुस से माणुस को जोड़ो,ऐसे काज करो तो जाने
भेद भाव का तिलक लगाकर,माथे की सज्जा करते हो
यकजहती का ख़ून बचाकर,ख़ुद की साज करो तो जाने
नव वर्ष को लता जी ने कुछ इस तरह खुशामदीद कहा.
छोडो, बहुत हुई है, सियासत पे गुफ़्तगू
होजाए साले-नौ में मुहब्बत पे गुफ़्तगू
होजाए साले-नौ में मुहब्बत पे गुफ़्तगू
बर्बाद करके जाएगा ये वक़्त देखिये
करते रहे जो हम यूँही नफ़रत पे गुफ़्तगू
जब भी करो हो बात तो "सूरत" पे करो हो
बेहतर यही है आज हो "सीरत" पे गुफ़्तगू
मुंह पे कहे है 'वाह' औ पीछे कहे है 'हुंह'
और मै करूं जो तेरी जहालत पे गुफ़्तगू?
"हैं जिनके पास अपने तो वो अपनों से झगड़ते हैं
नहीं जिनका कोई अपना वो अपनों को तरसते हैं.
पुरूस्कार एवं सम्मान
* मुंबई :कौमी एकता फोरम द्वारा विशेष पुरुस्कार श्री बलराम जाखड जी के कर कमलों द्वारा * खरगौन एम् पी : नर्मदा सम्मान कविता और अभिनय मैं सक्रियता के लिए
* मुंबई :महादेवी वर्मा समिति संस्था द्वारा पहला " कौमी एकता पुरस्कार " हिंदी एवं उर्दू मंचों पर समान भागीदारी के लिए * मुंबई : महिला दिवस पर कांग्रेस माइनोरिटी कमेटी द्वारा सम्मानित *मुंबई: "सलाम इंडिया" सम्मान
किताब :-" हया " उर्दू और हिंदी लिपि में * मुंबई :महादेवी वर्मा समिति संस्था द्वारा पहला " कौमी एकता पुरस्कार " हिंदी एवं उर्दू मंचों पर समान भागीदारी के लिए * मुंबई : महिला दिवस पर कांग्रेस माइनोरिटी कमेटी द्वारा सम्मानित *मुंबई: "सलाम इंडिया" सम्मान
टेलीविजन सीरिअल्स: * "कसक" - डी.डी –१ ,* "मेरे घर आई एक नन्हीं परी" – कलर्स ,* "सवेरा" - ई.टी.वी.उर्दू ,*अलिफ़ लैला * कृष्णा * कुंती * औरत * अमानत * जय संतोषी माँ * कस्तूरी * कशमकश * अधिकार.