पेश ए खिदमत है "अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें" की चोबीस्वीं पेशकश अरुण चन्द्र रॉय जी कवि परिचय : अरुण चन्द्र रॉय ...
पेश ए खिदमत है "अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें" की चोबीस्वीं पेशकश अरुण चन्द्र रॉय जी
कवि परिचय : अरुण चन्द्र रॉय
पेशे से कॉपीरायटर तथा विज्ञापन व ब्रांड सलाहकार. दिल्ली और एन सी आर की कई विज्ञापन एजेंसियों के लिए और कई नामी गिरामी ब्रांडो के साथ काम करने के बाद स्वयं की विज्ञापन एजेंसी तथा डिजाईन स्टूडियो का सञ्चालन. अपने देश, समाज, अपने लोगों से सरोकार को बनाये रखने के लिए कविता को माध्यम बनाया है
धर्म निरपेक्ष
१. नहीं निरपेक्ष हम जात से पात से भात से फिर क्यों निरपेक्ष हम धर्मं से | २ नहीं निरपेक्ष हम आहार से व्यवहार से त्यौहार से फिर क्यों निरपेक्ष हम धर्म से |
३ नहीं निरपेक्ष हम उत्सव से उद्भव से विप्लव से फिर क्यों निरपेक्ष हम धर्म से | ४ नहीं निरपेक्ष हम प्रार्थना से साधना से कामना से फिर क्यों निरपेक्ष हम धर्म से |
५.
चलो निरपेक्ष हो जाएँ
धर्म से
उस से पहले
निरपेक्ष हो जाए
जाति
उपजाति
नाम
उपनाम से
लेकिन
ना भूलें
जो है
धारण योग्य
वही बस है
धर्म
सभी वाद विवाद से परे
समस्त वैभव से परे
प्रेम में पगा
प्रेम में बंधा
चलो निरपेक्ष हो जाएँ
धर्म से
उस से पहले
निरपेक्ष हो जाए
जाति
उपजाति
नाम
उपनाम से
लेकिन
ना भूलें
जो है
धारण योग्य
वही बस है
धर्म
सभी वाद विवाद से परे
समस्त वैभव से परे
प्रेम में पगा
प्रेम में बंधा
साल २०१० का अंतिम सप्ताह भी पहले सप्ताहों की तरह "अमन के पैग़ाम" को बहुत से अच्छे लेख़ और कविताएँ दे गया. आप का विश्वास अमन के पैग़ाम की एक बड़ी कामयाबी है. अमन का पैग़ाम से मैंने यह कोशिश की के सभी धर्म, जाती,शहर के हर छोटे बड़े ब्लोगर के विचार पेश किये जाएं. और यह साबित कर दिया व्यक्ति कोई भी हो "अमन और शांति" चाहता है. अमन का पैग़ाम का पता बदल जाने से कुछ दिन इसको लोगों तक पहुँचाने मैं कुछ दिक्क़त हुई और बहुत से लेख़ सभी तक नहीं पहुँच सके. आप सभी नए ब्लॉग अमन के पैग़ाम को वैसे ही follow करें जैसे पहले वाले ब्लॉग को किया था. जिन लोगों के लेख़ पेश किये जा चुके हैं उन सभी से निवेदन है की अपने बारे मैं भी कुछ भेज दें , जिस से इन लेखों को एक किताबी शक्ल भी दी जा सके आपके परिचय के साथ.. जो लोग अपने लेख़ , कविता या विचार "अमन का पैग़ाम " को भेजना चाहें , उनका स्वागत है , और ऐसा कर के आप सभी लोगों को यह सोंचने पे मजबूर कर देंगे की "अमन और शांति" हर हाल मैं संभव है....लेख़ के साथ तस्वीर और अपना परिचय देने ना भूलें. आप सभी के सहयोग के लिए बहुत बहुत शुक्रिया..एस.एम.मासूम |