अयोध्या फैसले मैं हिन्दू और मुसलमान दोनों कि जीत संभव है, अगर हिन्दू और मुसलमान यह फैसला कर लें कि कोर्ट फैसला किसी के भी हक मैं हो , इ...
अयोध्या फैसले मैं हिन्दू और मुसलमान दोनों कि जीत संभव है, अगर हिन्दू और मुसलमान यह फैसला कर लें कि कोर्ट फैसला किसी के भी हक मैं हो , इस देश को दंगे ,फसाद से बचाएंग . शिया मुस्लिम धर्म गुरु ने अपने देश के नाम सन्देश मैं कहा, मर्यादा पुरषोत्तम श्रीराम चन्द्र जी ने और हज़रत मुहम्मद (स.अ.व) दोनों ने एक ही सन्देश दिए वो है, ज़ुल्म और अत्याचार के खिलाफ लड़ना.और ज़ुल्म है इंसानों को इंसानों से लडवाना, इसके खिलाफ आवाज़ उठाना हम सब का धर्म है.
अयोध्या का फैसला चाहे , हिन्दू के हक मैं हो या मुसलमान के हक मैं हो, कोई फर्क नहीं पड़ता , सच्चे मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम चन्द्र जी के भक्त और हज़रत मुहम्मद (स.अ.व) , को मानने वाले , केवल शांति का सन्देश देंगे और भड़काने वालों के खिलाफ आवाज़ उठाएंगे. मंदिर और मस्जिद तो हमनें खुद बनाई है, इंसानों को अल्लाह ने,परमात्मा ने बनाया है. यह कोई इन्साफ नहीं कि हम अपनी बनाई हुई चीज़ के लिए परमात्मा कि बनाई चीज़ (इंसान) को ख़त्म कर दें.
धर्म गुरु मौलाना कल्ब ए सादिक ने बताया अयोध्या के अरबिक मैं मायने हैं हरम , और हरम कहते हैं खाने काबा के पास के उस हिस्से को जहाँ हज्ज मैं तवाफ़ किया जाता है , जो कि एक पवित्र स्थान है और यहाँ पे इंसानों का खून किसी भी हालत मैं बहाना मना है , ठीक वैसे हीअयोध्या के भी माएने यह हैं, कि वो जगह जहाँ इंसानों का खून ना बहाया जाए. ऐसी पवित्र स्थान पे इंसानों का खून बहे यह सभी धर्म के खिलाफ बात होगी.
धर्म गुरु मौलाना कल्ब ए सादिक ने यह भी कहा, कि किसी का मंदिर या मस्जिद तोडना सही नहीं,लेकिन अगर फैसला यह करना हो कि, मस्जिद टूटे या इंसान कि जान बचाई जाए, तो मैं यही कहूँगा कि इंसान कि जान बचालो, क्योंकि मस्जिद तो फिर भी बन जाएगी लेकिन यह इंसान मर गया तो वापस नहीं आएगा.
धर्म गुरु मौलाना कल्ब ए सादिक ने कहा सच्चे दिल से मर्यादा पुरषोत्तम और हज़रत मुहम्मद (स.अ.व) को मानने वाले बनो और इस देख मैं शांति काएम करो किसी के भी बहकाने मैं ना आओ, अफवाहों को नजर अंदाज़ करो और इस देश को पकिस्तान ना बनने दो, इसी टूटने से बचाओ.
यह पैग़ाम आल इंडिया पर्सनल मुस्लिम पेरसोनल ला बोर्ड मीटिंग मैं दिया गया , जिसे आप विडियो मैं देख और सुन सकते हैं