यह अमन का , शांति का पैग़ाम है, इसे ले के आप सब आगे बढें,........ मैं अपने सभी साथियों , पाठको , और ब्लॉगर भाइयों से , एक ही बात कहना चा...
यह अमन का , शांति का पैग़ाम है, इसे ले के आप सब आगे बढें,........
मैं अपने सभी साथियों , पाठको , और ब्लॉगर भाइयों से , एक ही बात कहना चाहूँगा, सभी धर्म, शांति का पैग़ाम देता है, सभी धर्म इंसानियत का पैग़ाम देता है. इस धर्म का इस्तेमाल, प्रेम बाँटने के लिए करो ,नफरत के लिए नहीं. मैंने अमन के पैग़ाम के ज़रिये इस्लाम के सही रूप को, पेश करने की कोशिश की शुरूआत की, बहुत से अमन पसंद पढ़े लिखे लोगों ने मेरी हौसला अफजाई की, मैं उन सबका मैं आभारी हूँ. मेरे भाइयों आप सब भी अपने धर्म की हिदायतों से, शांति का पैग़ाम दें . कुछ लोगों को यह अमन का पैग़ाम शायद समझ मैं नहीं आया, उनको शक है कहीं यह आगे जाके कट्टरवाद मैं ना बदल जाए. शक अपने आप मैं खुद एक बीमारी है, जिसका इलाज सभी धर्म मैं करने की हिदायत दी गयी है.
यह कट्टरवाद है क्या, इसकी परिभाषा मुझे आज तक समझ मैं नहीं आयी? अपने धर्म को मान ना , उसकी नसीहतों पे चलना, अगर कट्टरवाद है, तो सबको कट्टर होना चहिये. हाँ अगर अपने धर्म को अच्छा बताने के लिए , दूसरों के धर्म मैं, बुराई, निकालना, बदनाम करना, धर्म के नाम पे नफरत फैलाना कट्टरवाद कहा जाता है, तो यह महापाप है, इस से बचो, क्योंकि यह किसी भी धर्म का सन्देश नहीं है. .
मैंने बहुत से धर्मों का अध्ययन किया है, मैंने अभी तक ऐसा कोई धर्म नहीं देखा , जो इंसानों मैं नफरत फैलाने को धर्म कहता हो.
राजनीति से प्ररित कुछ लोगों का काम सिर्फ धर्म के नाम पे नफरत फैलाना होता है, समाज मैं किसी नज़रिए पे आपस में एख्तेलाफ दिलों में नफरत नहीं पैदा करता बल्कि झूट, फरेब और तोहमत दिलों में नफरत पैदा करती है। जब जब कोई शांति का पैग़ाम लाया नफरत के सौदागरों ने उसके मकसद पे लोगों के दिलों मैं शक पैदा करने की कोशिश की. यह सिर्फ इंसानियत के ही नहीं देश के भी दुश्मन हैं, क्यूं की देश के विकास के लिए भी सभी धर्म के लोगों में एकता ज़रूरी है।
इस धर्म रूपी व्यवस्था का उदेश मानव जाति के दिलों में एक दूसरे के प्रति प्रेम, भाईचारा, सहयोग, एक दूसरे के दु:ख तकलींफों को समझना, दीन दुखियों की मदद करना, गरीबों, असहायों, बीमारों आदि के प्रति सहयोग व सहायता करना जैसे तमाम सकारात्मक भावों को उत्पन्न करना है.
यह ब्लॉग आप सबको हमेशा अमन का शांति का पैग़ाम देता रहेगा. मैंने एक अमन का पैग़ाम नाम का एक एग्रीगेटर बनाया. जिन bloggers को शांति और अमन पसंद है , वोह अपना चिट्ठे यहाँ जोड़ सकते हैं. जिनको किसी करणवश से शांति का पैग़ाम देना पसंद ना हो, वोह लोग कृपया अपने चिट्ठे यहाँ ना जोडें .
मैं आशा करता हूँ आप सब भी अपने धर्म ग्रंथों से ,अपने अपने धर्म की अच्छी बातों को, सदाचार , और प्रेम की नसीहतों को हम सब को बताएंगे, जिस से सभी धर्मों का सही रूप सामने आये और समाज मैं शांति स्थापित हो.
चिठा जोडें और अमन के पैग़ाम को दूसरों तक भी पहुंचाएं ..........और इस पैग़ाम को पहुँचाने के लिए पहले अपने किरदार को बनाएँ..
मैं अपने सभी साथियों , पाठको , और ब्लॉगर भाइयों से , एक ही बात कहना चाहूँगा, सभी धर्म, शांति का पैग़ाम देता है, सभी धर्म इंसानियत का पैग़ाम देता है. इस धर्म का इस्तेमाल, प्रेम बाँटने के लिए करो ,नफरत के लिए नहीं. मैंने अमन के पैग़ाम के ज़रिये इस्लाम के सही रूप को, पेश करने की कोशिश की शुरूआत की, बहुत से अमन पसंद पढ़े लिखे लोगों ने मेरी हौसला अफजाई की, मैं उन सबका मैं आभारी हूँ. मेरे भाइयों आप सब भी अपने धर्म की हिदायतों से, शांति का पैग़ाम दें . कुछ लोगों को यह अमन का पैग़ाम शायद समझ मैं नहीं आया, उनको शक है कहीं यह आगे जाके कट्टरवाद मैं ना बदल जाए. शक अपने आप मैं खुद एक बीमारी है, जिसका इलाज सभी धर्म मैं करने की हिदायत दी गयी है.
यह कट्टरवाद है क्या, इसकी परिभाषा मुझे आज तक समझ मैं नहीं आयी? अपने धर्म को मान ना , उसकी नसीहतों पे चलना, अगर कट्टरवाद है, तो सबको कट्टर होना चहिये. हाँ अगर अपने धर्म को अच्छा बताने के लिए , दूसरों के धर्म मैं, बुराई, निकालना, बदनाम करना, धर्म के नाम पे नफरत फैलाना कट्टरवाद कहा जाता है, तो यह महापाप है, इस से बचो, क्योंकि यह किसी भी धर्म का सन्देश नहीं है. .
मैंने बहुत से धर्मों का अध्ययन किया है, मैंने अभी तक ऐसा कोई धर्म नहीं देखा , जो इंसानों मैं नफरत फैलाने को धर्म कहता हो.
राजनीति से प्ररित कुछ लोगों का काम सिर्फ धर्म के नाम पे नफरत फैलाना होता है, समाज मैं किसी नज़रिए पे आपस में एख्तेलाफ दिलों में नफरत नहीं पैदा करता बल्कि झूट, फरेब और तोहमत दिलों में नफरत पैदा करती है। जब जब कोई शांति का पैग़ाम लाया नफरत के सौदागरों ने उसके मकसद पे लोगों के दिलों मैं शक पैदा करने की कोशिश की. यह सिर्फ इंसानियत के ही नहीं देश के भी दुश्मन हैं, क्यूं की देश के विकास के लिए भी सभी धर्म के लोगों में एकता ज़रूरी है।
इस धर्म रूपी व्यवस्था का उदेश मानव जाति के दिलों में एक दूसरे के प्रति प्रेम, भाईचारा, सहयोग, एक दूसरे के दु:ख तकलींफों को समझना, दीन दुखियों की मदद करना, गरीबों, असहायों, बीमारों आदि के प्रति सहयोग व सहायता करना जैसे तमाम सकारात्मक भावों को उत्पन्न करना है.
यह ब्लॉग आप सबको हमेशा अमन का शांति का पैग़ाम देता रहेगा. मैंने एक अमन का पैग़ाम नाम का एक एग्रीगेटर बनाया. जिन bloggers को शांति और अमन पसंद है , वोह अपना चिट्ठे यहाँ जोड़ सकते हैं. जिनको किसी करणवश से शांति का पैग़ाम देना पसंद ना हो, वोह लोग कृपया अपने चिट्ठे यहाँ ना जोडें .
मैं आशा करता हूँ आप सब भी अपने धर्म ग्रंथों से ,अपने अपने धर्म की अच्छी बातों को, सदाचार , और प्रेम की नसीहतों को हम सब को बताएंगे, जिस से सभी धर्मों का सही रूप सामने आये और समाज मैं शांति स्थापित हो.
खुसरू दरिया प्रेम का , उलटी वा की धार ,
जो उतरा सो डूब गया , जो डूबा सो पार .
आप सब भी इस प्रेम के दरिया मैं उतर के देखें... .यह अमन का पैग़ाम है इसे ले के आप सब आगे बढें. जो उतरा सो डूब गया , जो डूबा सो पार .
चिठा जोडें और अमन के पैग़ाम को दूसरों तक भी पहुंचाएं ..........और इस पैग़ाम को पहुँचाने के लिए पहले अपने किरदार को बनाएँ..
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