गोलगप्पे भारतीय स्ट्रीट फूड
गोलगप्पे भारतीय स्ट्रीट फूड की पहचान हैं।
गोलगप्पे, जिसे भारत के विभिन्न हिस्सों में पानीपुरी, पुचका, गुपचुप और बताशे के नाम से जाना जाता है, भारतीय स्ट्रीट फूड का एक अनोखा और स्वादिष्ट हिस्सा है। इसका खट्टा-मीठा और चटपटा स्वाद इसे हर उम्र के लोगों का पसंदीदा बना देता है।
गोलगप्पे के इतिहास को लेकर कई कहानियाँ प्रचलित हैं। ऐसा माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति प्राचीन भारत में हुई थी। महाभारत काल में जब द्रौपदी विवाह के बाद पांडवों के साथ वनवास में थीं, तब माता कुंती ने उन्हें सीमित संसाधनों में पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन बनाने की चुनौती दी। इस संदर्भ में, गोलगप्पे जैसे व्यंजन की उत्पत्ति हुई होगी।
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि यह व्यंजन भारतीय उपमहाद्वीप में सैकड़ों वर्षों से मौजूद है और समय के साथ विभिन्न रूपों में विकसित हुआ है। मूलतः उत्तर भारत से शुरू हुआ यह व्यंजन आज पूरे भारत, नेपाल, बांग्लादेश और यहां तक कि विदेशों में भी लोकप्रिय हो गया है।
स्वाद और बनाने की विधि
गोलगप्पे का स्वाद इसकी कुरकुरी पूरी, मसालेदार आलू या चने की स्टफिंग और खट्टे-मीठे पानी से बनता है। इसकी मुख्य सामग्रियाँ हैं:
पूरी: मैदा या सूजी से बनी कुरकुरी छोटी पूरियाँ
भरावन: उबले आलू, चने, मटर और मसाले
पानी: इमली, पुदीना, हरी मिर्च, जीरा, काला नमक और चाट मसाला डालकर बनाया गया खट्टा-मीठा या तीखा पानी
खाने का सही तरीका यह है कि पूरी को हल्के से तोड़कर उसमें भरावन डाला जाए और फिर मसालेदार पानी में डुबोकर तुरंत खाया जाए।
गोलगप्पे की किस्में
भारत के विभिन्न हिस्सों में गोलगप्पे की कई किस्में पाई जाती हैं:
1. पानीपुरी (महाराष्ट्र, गुजरात): मीठे और तीखे पानी के साथ परोसी जाती है।
2. पुचका (पश्चिम बंगाल, बिहार): इसमें सूजी की पूरी और इमली-आलू की स्टफिंग होती है।
3. गुपचुप (ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़): इसमें हल्का मसालेदार भरावन और खट्टा पानी होता है।
4. बटाशे (उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश): यह थोड़ा बड़े और कुरकुरे होते हैं, और इनमें दही व मीठी चटनी भी डाली जाती है।
स्ट्रीट फूड के राजा गोलगप्पे को खाने के पहले सुनिश्चित कर लें कि इसको बनाते समय साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा गया है, बासी सामग्री या गंदे पानी का उपयोग नहीं किया गया है और अगर सेहत चाहते हैं तो इसे घर पे ही बना के खाएं।
एस एम मासूम
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